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Gujarat Board 10th Result: पिता-बेटे की जोड़ी ने किया कमाल, एक साथ पास की 10वीं की परीक्षा
 

भले ही ये सुनने में बहुत हैरानी भरा लगे, मगर दोनों ने एक साथ परीक्षा पास करने का ये कारनामा किया है. गुजरात सेकेंडरी एंड हायर सेकेंडरी एजुकेशन बोर्ड (GSHSEB) ने गुरुवार को 10वीं क्लास के रिजल्ट घोषित किए हैं.

 

Meri Kahani, New Delhi गुजरात के अहमदाबाद में रहने वाले सिसोदिया परिवार के लिए गुरुवार का दिन दोहरी खुशी लेकर आया. दरअसल, गुजरात बोर्ड ने 10वीं के नतीजों का ऐलान किया. इसमें सिसोदिया परिवार के पिता-बेटे की जोड़ी ने 10वीं परीक्षा एक साथ पास की.

भले ही ये सुनने में बहुत हैरानी भरा लगे, मगर दोनों ने एक साथ परीक्षा पास करने का ये कारनामा किया है. गुजरात सेकेंडरी एंड हायर सेकेंडरी एजुकेशन बोर्ड (GSHSEB) ने गुरुवार को 10वीं क्लास के रिजल्ट घोषित किए हैं.

वीरभद्र सिंह सिसोदिया (42) और उनके बेटे युवराज (16) ने एक साथ गुजरात बोर्ड हाईस्कूल परीक्षा में हिस्सा लिया. गुरुवार को जब रिजल्ट जारी हुए तो वीरभद्र को जहां 45 फीसदी नंबर मिले, तो वहीं युवराज ने 79 फीसदी नंबर हासिल किया.

युवराज ने रेगुलर स्टूडेंट के तौर पर एग्जाम दिया, जबकि उनके पिता ने प्राइवेट उम्मीदवार के तौर पर एग्जाम में हिस्सा लिया था. गुजरात बोर्ड ने 10वीं क्लास की परीक्षाएं मार्च में करवाई थीं, जिसका रिजल्ट आज जारी हुआ है.

एग्जाम पास करने पर क्या बोले पिता-बेटा?
वहीं, युवराज से जब पूछा गया कि उनका अपने पिता के साथ एग्जाम देने का अनुभव कैसा रहा, तो उन्होंने बताया, ‘हम दोनों ही लोगों ने एक साथ एग्जाम की तैयारी की थी.

मैंने अपने पिता की एक दोस्त की तरह मदद की.’ दूसरी ओर, वीरभद्र ने कहा, ‘एग्जाम देने के लिए मेरा बेटा मेरी प्रेरणा था. मैंने लगभग 25 साल बाद कोई एग्जाम दिया है.’

उन्होंने कहा, ‘मैंने कभी नहीं सोचा था या इसकी योजना बनाई थी कि मैं इतने सालों बाद दोबारा से एग्जाम दूंगा. लेकिन जब मेरा बेटा 10वीं क्लास में पहुंचा, तो मैंने सोचा की मैं भी कर सकता हूं.

फिर मुझे स्कूल से मदद मिली और मैंने एग्जाम फॉर्म फिल किया.’ वीरभद्र ने आखिरी बार 10वीं की परीक्षा 1998 में दी थी. उस समय पर वह अपने मूल निवास राजस्थान के डुंगरपुर में रहते थे.

पिता जिस स्कूल में चपरासी, बेटा वहीं करता है पढ़ाई
यहां गौर करने वाली बात ये है कि इस पिता-बेटे की जोड़ी ने सिर्फ साथ मिलकर एग्जाम पास करने का ही कारनामा नहीं किया है. इन दोनों के बीच एक कनेक्शन और है. दरअसल, वीरभद्र जिस स्कूल में चपरासी का काम करते हैं, उसी स्कूल में युवराज पढ़ने जाते हैं.

स्कूल के प्रिंसिपल का कहना है कि हमारे स्कूल में ये इस तरह का पहला मामला सामने आया है. उन्होंने बताया कि वीरभद्र को बोर्ड एग्जाम की तैयारी के लिए पूरी मदद और समर्थन दिया गया. युवराज ने प्राइवेट ट्यूशन के जरिए एग्जाम की तैयारी की, जबकि वीरभद्र ने खुद से ही पढ़ाई की.