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PF खाताधारकों को अब पैसे निकालने के लिए नहीं देना पड़ेगा टैक्स, बन गया ये नियम

सरकार ने PF को कई नियमों मे बदलाव किये है। जिन लोगों के PF के खाते है। अब उन लोगों को अपने खाते से पैसे निकालने के लिए टैक्स नहीं देना पड़ेगा। आइये जानते है कौन से नियम बदले गये। 
 

Meri Kahani, New Delhi  अगर आप नौकरीपेशा हैं तो आपका पैसा पीएफ में जरुर कटता होगा। ये लोगों के लिए सेविंग करने और अच्छा खासा फंड जमा करने के लिए ठीक ठाक जरिया है।

पीएफ में जमा होने वाली रकम पर सरकार साल में ब्याज भी देती है। इस समय वित्त वर्ष में सरकार ने 8.15 फीसदी का ब्याज तय किया है।

इसके साथ में पीएफ खाताधारक जरुरत पड़ने पर इस खाते से पैसा निकाल सकते हैं। लेकिन क्या आपको मालूम हैं कि इसमें पैसा निकालने पर आपको टैक्स देना होता है।

पीएफ अकाउंट को खासतौर पर रिटायरमेंट प्लान के लिए सबसे बेहतर ऑप्शन होता है। इसके लिए एक्सपर्ट भी सलाह देते हैं कि पीएफ से पैसा रिटायरमेंट होने के बाद ही निकालें।

ऐसा इसलिए कि आपको एक साथ मोटी रकम मिलती है। जो कि आपको किसी भी तरह से वित्तीय परेशानी में सहायक साबित होती है। जबकि कई बार ऐसा हो जाता है

कि अचानक से पैसों की जरुरत हो जाती है तो इस हाल में पीएफ खाते से पैसा निकाकर अपनी जरुरत को पूरा कर सकते हैं। जिसमें आपको टैक्स नहीं देना होता है।

EPFO के मुताबिक यदि आपका पीएफ खाता 5 साल से ज्यादा का है और इससे आप कुछ रकम निकालना चाहते हैं तो आपको कोई टैक्स नहीं  देना होता है।

वहीं यदि आफका खाता 5 साल का से कम का है तो आपकी निकासी पर टैक्स लगेगा। जबकि टीडीएस की तरह की काटा जाता है। ईपीएफओ ने इसको लेकर भी नियम रखे हैं।

जैसे कि पीएफ खाता धारक पैन कार्ड खाते से लिंक है तो 10 फीसदी और लिंक न होने पर 20 फीसदी तक टीडीएस कटता है।

वहीं कुछ ऐसे भी मामले हैं जिसमें टैक्स नहीं लगता है कि जैसे कि कर्मचारी स्वास्थ्य खराब होने पर समय से पहले नौकरी प्याग करता है और अपने पीएफ खाते से पैसा निकालता है तो उसमें भी टैक्स नहीं लगता है।

इसके अलावा यदि कोई कंपनी बंद हो जाती है तो उसके कर्मचारी को पीएफ खाते पैसा निकालने पर टैक्स नहीं देना होता है। नौकरी बदलने पर पीएफ खाते को मर्ज करने पर टैक्स नहीं लगता है।

वहीं ईपीएफ खाते में हाउस बिल्डिंग एडवांस का भी प्रावधान है। किसी कर्मचारी का वेतन से 12 फीसदी के हिसाब से पीएफ की कटौती होती है। इसमें नियोक्ता और कर्मचारी की वेतन में की गई कटौती 8.33 फीसदी EPS में,

जबक 3.67 फीसदी EPF में पहुंचता है। इसके साथ में आप घर में बैठे ही आसान तरीके से खाते का मौजूदा बैलेंस चेक कर सकते हैं। इसके लिए काफी सारी वकिल्प मौजूद हैं।