Carrot Farming: किसान करें काली गार की खेती, कम लागत में होगी मोटी कमाई 
Meri Kahania

Carrot Farming: किसान करें काली गार की खेती, कम लागत में होगी मोटी कमाई 
 

खास बात यह है कि गाजर के अंदर बहुत अधिक मात्रा में फाइबर पाया जाता है. ऐसे में इसका सेवन करने से कब्ज का रोग ठीक हो जाता है और पाचन तंत्र में दुरुस्त रहता है.

 
काली गाजर है एंटीऑक्सीडेंट का खजाना, इसकी खेती से होगा मोटा मुनाफा

Meri Kahani, New Delhi गाजर खाना सभी को पसंद है. इसकी खेती पूरे इंडिया में की जाती है. गाजर में विटामिन ए, विटामिन के और विटामिन सी भरपूर मात्रा में मौजूद होता है. गाजर खाने से आपकी इम्यूनिटी बढ़ जाएगी.

खास बात यह है कि गाजर के अंदर बहुत अधिक मात्रा में फाइबर पाया जाता है. ऐसे में इसका सेवन करने से कब्ज का रोग ठीक हो जाता है और पाचन तंत्र में दुरुस्त रहता है.

यही वजह है कि इसकी मांग मार्केट में हमेशा रहती है. अगर किसान भाई गाजर की खेती करते हैं, तो अच्छी कमाई कर सकते हैं.

लोगों को लगता है कि गाजर का रंग सिर्फ लाल ही होता है, लेकिन ऐसी बात नहीं है. काली गाजर भी होती है. इसमें लाल गाजर के मुकाबले अधिक विटामिन्स और पोषक तत्व पाए जाते हैं.

काली गाजर का सेवन सलाद, हलवा और जूस के रूप में अधिक किया जाता है. वहीं, कई लोग काली गाजर को औषधी के रूप में भी इस्तेमाल करते हैं.

खास बात यह है कि सामान्य गाजर की तरह ही काली गाजर की भी खेती की जाती है. उत्तर प्रदेश, पंजाब और हरियाणा सहित कई राज्यों में काली गाजर की खेती की जा रही है.

15 से 30 डिग्री तक का टेंपरेचर बेहतर माना गया है

काली गाजर की खेती के लिए 15 से 30 डिग्री तक का टेंपरेचर बेहतर माना गया है. अगर किसान भाई काली गाजर की खेती करना चाहते हैं, तो सबसे पहले खेत की कई बार अच्छी तरह से जोताई कर लें. इसके बाद खेत में पहले से तैयार वर्मी कंपोस्ट डाल दें और पाटा चलाकर खेत को समतल कर दें. फिर, क्यारी बनाकर बीजों की बुवाई कर दें. यदि आप एक हेक्टेयर में काली गाजर की खेती कर रहे हैं, तो आपको 5 से 6 किलो तक बीज की जरूरत पड़ेगी. बुवाई के 12 दिन बाद बीज अंकुरित हो जाते हैं.

प्रति हेक्टेयर आपको 8 से 10 टन तक पैदावार मिल सकती है

अगर आप बुवाई करने से पहले 24 घंटे तक बीजों को पानी में फीगो देंगे, तो बीज जल्द अंकुरित होते हैं. काली गाजर की फसल भी लाल गाजर की तरह 80 से 90 दिनों में तैयार हो जाती है. प्रति हेक्टेयर आपको 8 से 10 टन तक पैदावार मिल सकती है. काली गाजर की कीमत मार्केट में 40 से 50 रुपये किलो रहती है. इस तरह किसान भाई एक हेक्टेयर में खेती कर लाखों रुपये की कमाई कर सकते हैं.

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