Meri Kahania

IAS Pari Bishnoi Success Story: दो बार रही असफल फिर भी नहीं मानी हार, मां-पापा की प्ररेणा से बनीं अफसर

IAS Pari Bishnoi Success Story: आप तो जानते हैं कि यूपीएसी की तैयारी के लिए कितनी मेहनत करनी पड़ती है और जब सफलता ना मिले तो कई लोग हार मान लेते हैं। लेकिन आज हम आपके लिए एक ऐसी अफसर क कहानी लेकर आए हैं जिसने लगातार दो बार असफल होने के बाद भी हार नहीं मानी और अगले ही प्रयास में आईएएस ऑफिसर बन गई। आइए जानते हैं इलकी सफलता की कहानी का बारे में.... 
 | 
IAS Success Story

Meri Kahania, New Delhi: UPSC की परीक्षा को दुनिया की सबसे टफ परीक्षाओं में से एक माना जाता है। इसे पास करने का सपना तो हर कोई देखता है लेकिन इसे पास केवल चुनिंदा लोग ही कर पाते हैं। क्योकि इसे पास करने के लिए दिन रात मेहनत करनी पड़ती है।

इसके साथ ही लगभग हर विषय का ज्ञान होना भी जरूरी है। इस परीक्षा को पास करने वालों में एक नाम परी बिश्नोई का भी है,  जिन्होंने कड़ी मेहनत के बाद इसमें सफलता पाई। 

IAS बनने के पीछे सबसे बड़ा हाथ माता पिता का 

परी बताती है कि उनके आईएएस बनने के पीछे सबसे बड़ा हाथ उनके माता पिता का रहा है। बता दें अजमेर की रहने वाली परी बिश्नोई के पिता मनीराम बिश्नोई एक एडवोकेट हैं और उनकी मां सुशीला बिश्नोई अजमेर में जीआरपी थानाधिकारी। परी के बाबा अपने गांव के 4 बार सरपंच रहे थे। परी ने सेंट मैरी कॉन्वेंट स्कूल से स्कूली शिक्षा प्राप्त की है।

तीसरे प्रयास में की परीक्षा पास 

इसके बाद परी आगे की पढ़ाई के लिए दिल्ली आ गईं‌। परी बताती है कि बचपन से ही उनके माता पिता ने उन्हें पढ़ाई के लिए प्रोत्साहित किया और हमेशा उनका साथ दिया।

जब परी अपने पहले दो प्रयासों में असफल रही तब उनकी माता ने उनका हौसला बढ़ाया और कभी ना हार मानने का जज्बा भी दिया। जिसके चलते परी ने अपने तीसरे प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा (UPSC Exam) निकाली और 30 वीं रैंक भी अर्जित प्राप्त की।  

इसी के साथ बता दें कि आईएएस परी बिश्नोई सोशल मीडिया साइट इंस्टाग्राम पर काफी लोकप्रिय है। इंस्टाग्राम पर उनके हजारों में फॉलोअर्स हैं। वह सोशल मीडिया पर अक्सर अपनी फोटोज़ शेयर करती रहती हैं। फिलहाल वह मिनिस्ट्री ऑफ पेट्रोलियम एंड नैचुरल गैस में असिस्टेंट सेक्रेटरी  के तौर पर पोस्टेड हैं।  

टाइम मैनेजमेंट का भी ध्यान देना जरूरी 

इसी बीच परी ने बताया कि उम्मीदवारों को सभी विषय की एनसीईआरटी किताबें पढ़नी चाहिए। इसके साथ ही पिछले साल के पेपर अवश्य हल करना चाहिए और मॉक टेस्ट भी देना चाहिए। सही रणनीति के साथ नियमित रूप से पढ़ाई और आंसर राइटिंग की प्रैक्टिस के अलावा टाइम मैनेजमेंट का भी ध्यान देना जरूरी है। 

Around The Web

Trending News

You May Like

Recommended