EPFO अकाउंट को मर्ज नहीं किया तो हो सकता है बड़ा नुकसान, जरूर करें ये काम

Meri Kahania, New Delhi:इसे खोलते समय पुराने UAN नंबर का ही उपयोग किया जाता है. ऐसे में तमाम कर्मचारियों को ये भ्रम रहता है कि यूएएन पुराना वाला है तो उस यूएएन नंबर से चलने वाला उनका ईपीएफ अकाउंट एक ही होगा. जबकि ऐसा नहीं होता.
ये हैं अकाउंट मर्ज न कराने के नुकसान -
अकाउंट मर्ज न कराने का पहला नुकसान तो ये है कि नया ईपीएफ अकांउट खुलने के कारण पुराने अकांउट में पड़ा हुआ आपका पैसा एक साथ नहीं दिखता है. इसके अलावा इन्हें मर्ज कराना टैक्स सेविंग के लिहाज से भी जरूरी है.
दरअसल, जब आप किसी ईपीएफ अकाउंट से पैसे निकालते हैं तो पांच साल की यह सीमा देखी जाती है. पांच साल के कॉन्ट्रीब्यूशन के बाद जमा राशि की निकासी पर टैक्स नहीं देना पड़ता है.
अगर आप अकाउंट मर्ज नहीं करवाते हैं तो आपकी हर कंपनी का ड्यूरेशन अलग-अलग काउंट होगा. ऐसे में अगर आप पीएफ का पैसा जब निकालेंगे तो आपको हर कंपनी का ड्यूरेशन के हिसाब से टीडीएस देना होगा.
लेकिन अकाउंट मर्ज करवाने के बाद आपका एक्सपीरिएंस भी एक साथ काउंट होता है. उदाहरण से समझिए- मान लीजिए आपने तीन कंपनियों में 2-2 साल तक नौकरी की. ऐसे में आपके तीन ईपीएफ अकाउंट हो गए.
अगर आप इस अकाउंट को मर्ज करवा लेते हैं तो आपका कुल 6 साल का एक्सपीरिएंस काउंट होगा. लेकिन मर्ज न कराने पर ये एक्सपीरिएंस 2-2 साल का अलग-अलग काउंट होगा.
अकाउंट मर्ज करवाने का तरीका -
- सबसे पहले EPFO की मेंबर सेवा पोर्टल https://unifiedportal-mem.epfindia.gov.in पर जाएं.
- Online Services सेक्शन के अंदर 'One Member - One EPF Account (Transfer Request)' को सेलेक्ट करें.
- पर्सनल डीटेल्स और करंट एम्प्लॉयर के अकाउंट को वेरिफाई करें.
- इसके बाद आप गेट डिटेल्स पर क्लिक करेंगे तो आपके पुराने एम्प्लॉयर्स की लिस्ट खुल जाएगी.
- यहां पर आप अपने जिस अकाउंट को ट्रांसफर करना चाहते हैं, उस पर क्लिक करें.
- 'Get OTP' पर क्लिक करें. आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर ओटीपी आएगा, इसे डालकर सबमिट करें.
आपकी रिक्वेस्ट सबमिट हो जाएगी. आपके करंट एम्प्लॉयर को इसे अप्रूव करना होगा. जिसके बाद EPFO आपके पुराने अकाउंट को नए अकाउंट में मर्ज कर देगा. कुछ समय बाद आप अपना मर्जर स्टेटस चेक कर सकते हैं.