Income Tax: शादी और जन्मदिन के गिफ्ट पर लगता है इतना टैक्स, जानिए

Meri Kahani, New Delhi: अगर मुझे गिफ्ट में कोई नकद पैसा, ज्वैलरी, प्रॉपर्टी या संपत्ति, शेयर और वाहन आदि मिलता है तो क्या उस पर टैक्स लगेगा?
यह सवाल कई लोगों के मन में रहता है, तो चलिये आज आपको उपहार कर यानी गिफ्ट टैक्स के बारे में बताते हैं. देश में गिफ्ट टैक्स पहली बार 1958 में आया था.
इसके तहत कुछ विशेष परिस्थितियों में 50,000 से ज्यादा की रकम का गिफ्ट देने और लेने पर टैक्स लगाया जाता था. हालांकि, सरकार ने 1998 में इसे खत्म कर दिया.
साल 2004 में गिफ्ट टैक्स यानी ‘उपहार कर’ को फिर से लागू किया गया और इनकम टैक्स (Income Tax) के साथ जोड़ा गया. आयकर अधिनियम की परिभाषा के अनुसार, “उपहार” धन या चल/अचल संपत्ति हो सकती है जो एक व्यक्ति को बिना भुगतान के किसी अन्य व्यक्ति या संगठन से प्राप्त करता है.
कब लगता है गिफ्ट टैक्स
इनकम टैक्स (Income Tax) एक्ट 1961 के सेक्शन 56(2)(x) के तहत करदाता को मिले गिफ्ट्स पर टैक्स की देनदारी बनती है. हालांकि, भारत में किसी व्यक्ति को प्राप्त सभी गिफ्ट टैक्स के अधीन नहीं हैं.
आयकर अधिनियम, 1962 के प्रमुख प्रावधान आपको विभिन्न टैक्स-फ्री गिफ्ट प्राप्त करने की अनुमति देते हैं. अगर आपको एक वित्तीय वर्ष में 50,000 रुपये तक का कोई गिफ्ट मिला है तो इस पर कोई गिफ्ट टैक्स नहीं देना होगा. गिफ्ट पर लगने वाला आयकर किसी एक उपहार पर नहीं लगता है, बल्कि यह एक वित्त वर्ष में मिले कुल गिफ्ट्स पर लगता है.
दिवाली, जन्मदिन या किसी अन्य मौके पर मिलने वाले गिफ्ट्स को इनकम फ्रॉम अदर सोर्सेज यानी ‘अन्य स्रोतों से आय’ माना जाता है. इस पर टैक्स का कैलकुलेशन कुल आय में जोड़ा जाता है. इस पर आपके टैक्स स्लैब के अनुसार ही टैक्स देना होता है.
इन लोगों से मिले गिफ्ट्स पर नहीं लगता टैक्स
पति या पत्नी, भाई या बहन और अन्य करीबी रिश्तेदारों से मिले गिफ्ट पर टैक्स नहीं लगता है.
विरासत या वसीयत में मिला उपहार स्वरूप मिली संपत्ति.
हिंदू अविभाजित परिवार के मामले में किसी भी सदस्य से मिला गिफ्ट.
पंचायत, नगर पालिका, किसी फाउंडेशन, यूनिवर्सिटी, धार्मिक संस्था और एजुकेशनल इंस्टीट्यूशन से मिला उपहार.
शादी में गिफ्ट पर पूरी तरह टैक्स फ्री
शादी में मिलने वाले गिफ्ट पूरी तरह से टैक्स फ्री होते हैं लेकिन, सिर्फ दूल्हा-दुल्हन को मिलने वाले गिफ्ट. इन उपहारों के बारे में आपको ITR में जानकारी देनी होती है. इसके साथ ही मैरिज प्रूफ के तौर पर शादी का कार्ड और फोटो देने पड़ते हैं.