Nautapa 2023: नौतपा में क्यों बढ़ जाता है सूर्य का तापमान? गर्मी से बचने के लिए करें ये उपाय
Meri Kahania

Nautapa 2023: नौतपा में क्यों बढ़ जाता है सूर्य का तापमान? गर्मी से बचने के लिए करें ये उपाय
 

मई में सूरज पृथ्वी के बिल्कुल ऊपर पहुंच जाता है. जिसकी वजह से सूर्य की किरणें सीधे धरती पर पड़ने लगती हैं और उसकी तपन बढ़ जाती है. पृथ्वी का टेंपरेचर बहुत ज्यादा हो जाता है, यह समय भीषण गर्मी का होता है.

 
नौतपा में सूर्यदेव क्यों दिखाते हैं अपना प्रचंड रूप, गर्मी से बचने के लिए करें ये उपाय

Meri Kahani, New Delhi 25 मई की रात से नौतपा की शुरुआत हो गई है, यह 9 जून तक रहेगा. इस दौरान 9 दिनों तक भीषण गर्मी पड़ेगी. सिर्फ इंसान ही नहीं जानवर और पक्षी भी सूरज की तपन से बेहाल रहेंगे.

नौतपा के दौरान सूर्यदेव अपने पूरे चरम पर रहेंगे और असहनीय आग बरसाएंगे. ऐसे में कोई ज्यादा समय तक धूप में खड़ा रहे तो वह बीमार तक हो सकता है.

आखिर नौतपा के दौरान सूर्यदेव का ताप असहनीय क्यो हो जाता है ये आपको बताते हैं. नौपता सिर्फ धार्मिक एंगल से ही नहीं बल्कि साइंटिफिक रूप से भी काफी महत्व रखता है.

खगोलविदों का कहना है कि मई में सूरज पृथ्वी के बिल्कुल ऊपर पहुंच जाता है. जिसकी वजह से सूर्य की किरणें सीधे धरती पर पड़ने लगती हैं और उसकी तपन बढ़ जाती है. पृथ्वी का टेंपरेचर बहुत ज्यादा हो जाता है, यह समय भीषण गर्मी का होता है.

इस दौरान भीषण गर्मी पड़ती है, इसे ही नौतपा कहा जाता है. नौतपा के साथ कई धार्मित मान्यताएं और परंपराएं भी जुड़ी हुई हैं.ज्योतिष के मुताबिक कुल 27 नक्षत्रों को 12 राशियों में बांटा गया है.

हर साल 15 मई के करीब सूर्य देव वृषभ राशि में प्रवेश करते हैं और फिर इसका प्रवेश रोहिणी नक्षत्र में होता है. सूर्य इस नक्षत्र में पूरे 15 दिनों तक रहता है, इसके शुरुआत के 9 दिन नौतपा कहे जाते हैं. नौतपा में बहुत ज्यादा गर्मी पड़ती है. इसीलिए पशु-पक्षियों का खास ख्याल रखना चाहिए.

नौतपा में करें क्या खास उपाय
नौतपा में दान-पुण्य का खास महत्व है. जो भी मनुष्य इस दौरान मौसमी फलों और दूसरी चीजों का दान करता है उसे पुण्य के साथ ही ईश्वर का आशीर्वाद मिलता है.

नौतपा के दौरान सूर्य देव का रूप बहुत ही रौद्र हो जाता है. इसीलिए ठंडक पहुंचाने वाली चीजें दान करना अच्छा माना जाता है.
मौसमी फल जैसे तरबूज, खरबूज और आम दान करें. सत्तू, शरबत, पंखा, छाता, जूते दान करना भी नौतपा में काफी शुभ फल देने वाला है.

नौतपा के 9 दिनों तक बेजुबान जानवरों और पक्षियों के लिए पीने के पानी का इंतजाम करें. जगह-जगह बर्तनों में पानी भर कर सखें, ताकि पशु-पक्षी अपनी प्यास बुझा सकें.

राहगीरों को पानी या फिर शरबत समेत अलग-अलग पेय पदार्थ पिलाएं. नौतपा के दौरान पानी का दान करें ये काफी शुभ माना जाता है.
अगर आप किसी मंदिर के पास रहते हैं तो वहां आने वालों के लिए जमीन पर कालीन लगवा दें ताकि उनके पैर गर्मी से न जलें और ठंडे पानी की व्यवस्था करें.

नौतपा के दौरान पेड़-पौधों का ध्यान रखें, साथ ही नए पौधे भी लगाएं और उनकी अच्छी तरह देखभाल करें.कुछ ही दिनों में बारिश आने से ये पोधे फलने-फूलने लगेंगे, इससे घर में खुशियां और बरकत आती है.

नौतपा के दौरान भगवान ब्रह्मदेव की प्रतिमा आटे से बनाकर पूजा करनी चाहिए, इससे भगवान प्रसन्न होकर सुख-समृद्धि देते हैं.

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