Meri Kahania

UP के इन एक्सप्रेसवे के पास बनाए जाएंगे पार्क

गंगा एक्सप्रेस वे के किनारे  इंडस्ट्रियल कॉरिडोर और टेक्सटाइल पार्क बनवाया जा रहा है। गंगा के किनारे पर ओद्योगिक गलियारा विकसित किया जाएगा। इससे बड़े पैमाने पर  निवेशक यहां पर उद्योग स्थापित कर सकेंगे। इस एक्सप्रेस का निर्माण कार्य अभी प्रग्रति पर है।
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ganga expressway

Meri Kahani, New Delhi: उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण तो तेजी से चल ही रहा है। इसके साथ ही इसके किनारे औद्योगिक गलियारा विकसित करने की तैयारी भी है।

एक्सप्रेसवे के आसपास फार्मा पार्क, टेक्सटाइल पार्क विकसित किए जाएंगे। एक्सप्रेसवे के शुरुआती छोर व आखिरी छोर पर भी बड़े औद्योगिक गलियारे बनाने की तैयारी है।

एक्सप्रेसवे से  निकटता के चलते बड़े पैमाने पर निवेशक यहां अपने उद्योग लगाएंगे। असल में यूपी सरकार की योजना एक्सप्रेसवे के बनने से पहले उससे संबंधित जिलों में उद्योग व निवेश के लिहाज से संभावना वाले स्थलों का विकसित करना है।

गंगा एक्सप्रेस वे हापुड़ से भी गुजरेगा, यहां फार्मा पार्क बनने की तैयारी है। प्रयागराज में एनएच-2 प्रयागराज बाईपास पर खत्म होना है। वहां पहले से औद्योगिक गलियारा विकसित किया जा रहा है।

यहां से एक्सप्रेसवे की निकटता का लाभ वहां लगने वाले उद्योगों को होगा। मेरठ, जहां से एक्सप्रेसवे की शुरुआत होनी है, वहां के प्रस्थान बिंदु के आसपास की जमीन को उद्योगों के लिए विकसित किया जाएगा।

एक्सप्रेसवे को हरदोई से गुजरना है, जहां टेक्सटाइल पार्क के लिए जमीन तलाश ली गई है। टेक्सटाइल पार्क का दायरा लखनऊ तक है। ऐसे में आगरा लखनऊ एक्सप्रेसवे और गंगा एक्सप्रेसवे दोनों की निकटता का लाभ इस पार्क में आने वाले उद्यमियों को होना है।

एक्सप्रेसवे के किनारे शाहजहांपुर में वेयरहाउस विकसित किए जाएंगे। यहां से उपज आधारित उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट, चिकित्सा संस्थान भी खोलने की तैयारी है।

योगी सरकार जल्द संबंधित स्थलों के आसपास औद्योगिक गलियारे के लिए जमीन विकसित करेगी। एक्सप्रेसवे का निर्माण 8 पैकेजों में अडानी व आईआर बी कंपनियों द्वारा कराया जा रहा है।

यह परियोजना पीपीपी मोड क्रियान्वित की जा रही है। इसे जनवरी 2025 तक पूरा होना है।

अन्य एक्सप्रेसवे पर औद्योगिक गलियारे 

पूर्वांचल एक्सप्रेसवे 12 जिलों से गुजरता है। यहां कुल 9172 हेक्टेयर जमीन औद्योगिक कारीडोर के लिए ली जा रही है जबकि बुंदेलखंड क्षेत्र में डिफेंस कॉरिडोर बन रहा है।

इसी के दायरे में बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे है। अब जालौन व बांदा में इसके लिए जमीन विकसित की जा रही है। गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के किनारे भी औद्योगिक गलियारा विकसित होगा। इसके लिए 200 करोड़ रुपये का इंतजाम किया गया है।

यहां पहले से विकसित हो रहे हैं औद्योगिक गलियारे 

पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर गाजीपुर, आजमगढ़, जौनपुर और बाराबंकी में पहले से ही औद्योगिक गलियारे विकसित हो रहे हैं। वहीं बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे- जालौन और बांदा पर बन रहे हैं।

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