Petrol-Diesel Price: वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा- पेट्रोल डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने पर पार्टी का दोहरा रवैया.

Meri Kahania, New Delhi: वित्त मंत्री ने साधा कांग्रेस पर निशाना, मध्य प्रदेश के इंदौर में संवाददाताओं से बात करते हुए वित्त मंत्री ने कहा केंद्र की बीजेपी सरकार पेट्रोल डीजल को जीएसटी के दायरे में लाना चाहती है
लेकिन कांग्रेस इस विषय पर 'दोगला रवैया' अपना रही है. वित्त मंत्री ने कहा कि पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने के मामले में 'दोगला रवैया' रखने वाली कांग्रेस से मीडिया को इस बारे में सवाल करना चाहिए.
उन्होंने कहा कि उनकी सरकार शुरुआत से ही पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने के पक्ष में है क्योंकि इस कदम से जनता को फायदा होगा, लेकिन इस विषय में फैसले का अधिकार जीएसटी कांउसिल के पास है.
कांग्रेस जीएसटी काउंसिल में दे सहमति
निर्मला सीतारमण ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा पर निशाना साधते हुए कहा, 'पेट्रोल-डीजल को जीएसटी में लाए जाने से रोकने वाले कौन लोग हैं?
अगर प्रियंका गांधी पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाए जाने के पक्ष में हैं, तो उन्हें कांग्रेस की हर राज्य सरकार से कहना चाहिए कि वे जीएसटी काउंसिल की बैठक में इसकी सहमति दें.'
पेट्रोल डीजल पर टैक्स का खेल
आपको बता दें फिलहाल केंद्र सरकार पेट्रोल डीजल पर एक्साइज ड्यूटी वसूलती हैं तो राज्य सरकार वैट यानि वैल्यू एडेड टैक्स. उहाहरण के लिए दिल्ली में पेट्रोल अगर 96.72 रुपये प्रति लीटर में मिल रहा है तो उसमें 19.90 रुपये प्रति लीटर केंद्र सरकार एक्साइज ड्यूटी वसूलती है जबकि 15.71 रुपये राज्य सरकार वैट वसूलती है.
यानि कीमत में 35.61 रुपये टैक्स का भार है. उसी प्रकार डीजल की दिल्ली में कीमत 89.62 रुपये प्रति लीटर है तो 15.80 रुपये प्रति लीटर उसमें केंद्र सरकार द्वारा वसूलने जाने वाला एक्साइज ड्यूटी है तो राज्य सरकार 13.11 रुपये प्रति लीटर वैट वसूलती है.
वैश्विक उठापटक पर सरकार की नजर
इजराइल-हमास युद्ध के भारतीय अर्थव्यवस्था पर असर के बारे में पूछे जाने पर वित्त मंत्री ने कहा, ‘जब से रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू हुआ, तब से कच्चे तेल के दामों को लेकर लगातार अटकलबाजी चल रही है और हम इससे निपटते आ रहे हैं.
उन्होंने बताया कि भारत ने रूस से सस्ता कच्चा तेल आयात किया है. उन्होंने कहा, ‘रूस-यूक्रेन युद्ध हो या इजराइल-हमास युद्ध, दुनिया में जब भी कोई जंग होती है, तो कच्चे तेल के दामों पर असर की संभावना होती है. हम हालात पर पहले से नजदीकी नजर रखते आ रहे हैं.’
महंगाई पर कसी जा रही नकेल
सीतारमण ने कहा कि सरकार टमाटर, आटा, दालों और आम जरूरत की अन्य चीजों की महंगाई पर नियंत्रण के लिए काफी पहले से कदम उठा रही है, लेकिन कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकार में खाद्य मुद्रास्फीति की दर 22 महीने तक 10 फीसदी से ज्यादा रही थी. उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार इस महंगाई पर काबू पाने की दिशा में कुछ भी नहीं कर सकी थी.