Meri Kahania

Petrol- Diesel Price: भारत के लिए सबसे बड़ी राहत की खबर, कच्चा तेल हुआ सस्ता

इजराइल और हमास के बीच युद्ध को एक महीना बीत चुका है. इसके बावजूद कच्चे तेल की कीमत दो महीने के निचले स्तर पर पहुंच गई है.
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Petrol- Diesel Price: भारत के लिए सबसे बड़ी राहत की खबर, कच्चा तेल हुआ सस्ता 

Meri Kahania, New Delhi: अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल 80 डॉलर प्रति बैरल से नीचे फिसल गया है। कीमतों में कटौती से सबसे बड़ी राहत भारत समेत उन सभी देशों को मिली है जो कच्चे तेल के बड़े आयातक हैं.

वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट क्रूड ऑयल (WTI क्रूड ऑयल) का भाव 2 फीसदी गिरकर 80 डॉलर प्रति बैरल से नीचे 79.20 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया. ब्रेंट क्रूड ऑयल की कीमतों में भी बड़ी गिरावट आई है और यह 2.04 फीसदी की गिरावट के साथ 83.44 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा है.

सऊदी अरब के दिसंबर 2023 तक उत्पादन में कटौती के फैसले और रूस के सप्लाई में कटौती के बाद कच्चे तेल की कीमत 97 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गई.

इसके बाद कुछ नरमी आई और इजराइल और हमास के बीच युद्ध के कारण कच्चे तेल की कीमतें फिर बढ़ने लगीं. वैश्विक राजनीतिक तनाव बढ़ने के बाद कच्चा तेल फिर 90 डॉलर प्रति बैरल के पार पहुंच गया।

कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट से आरबीआई को बड़ी राहत मिलेगी. आरबीआई ने अक्टूबर में पेश मौद्रिक नीति में कहा था कि आने वाले दिनों में मुद्रास्फीति अल नीनो स्थितियों, वैश्विक खाद्य कीमतों और ऊर्जा कीमतों पर निर्भर करेगी।

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा था कि कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव बाहरी कारणों से है। ऐसे में इन सभी डेटा पर कड़ी नजर रखने की जरूरत है.

कच्चे तेल की कीमतों में इस गिरावट से सरकारी तेल कंपनियां राहत की सांस लेंगी. चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के दौरान इन कंपनियों को पेट्रोल और डीजल की खुदरा बिक्री पर होने वाला घाटा बढ़ गया है।

कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट से आयात सस्ता करके इस घाटे को पाटने में मदद मिलेगी। ऐसे में आने वाले चुनावों को ध्यान में रखते हुए सरकार के लिए कीमतें कम करने का रास्ता तैयार किया जाएगा, जिसके संकेत सरकार पहले से ही देती रही है.

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