Meri Kahania

भारतीय स्टेट बैंक ने कर्ज लेने वालों को दी राहत, अब नहीं बढ़ाया MCLR

देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक की ओर से लोन लेने वालों को राहत जारी है। बैंक द्वारा नवंबर में एमसीएलआर में कोई बदलाव नहीं किया गया है। एमसीएलआर का सीधा संबंध लोन की ब्याज दरों से होता है।
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भारतीय स्टेट बैंक ने कर्ज लेने वालों को दी राहत, अब नहीं बढ़ाया MCLR

Meri Kahania, New Delhi: अगर इसमें कोई भी बदलाव होता है तो इसका असर बैंक से लोन लेने वाले ग्राहकों की ईएमआई पर पड़ता है। 

SBI में लेटेस्ट MCLR
एसबीआई की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक, ओवरनाइट एमसीएलआर 8.00 प्रतिशत, एक महीने का एमसीएलआर 8.15 प्रतिशत, तीन महीने का एमसीएलआर 8.15 प्रतिशत, छह महीने का एमसीएलआर 8.45 प्रतिशत, एक वर्ष का एमसीएलआर 8.55 प्रतिशत, दो वर्ष का एमसीएलआर 8.65 प्रतिशत और तीन वर्ष का एमसीएलआर 8.75 प्रतिशत होता है। बता दें, ज्यादातर लोन  एक वर्ष के एमसीएलआर से जुड़े हुए होते हैं। 

क्या होता है MCLR?
एमसीएलार का पूरा नाम मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड बेस्ड लेंडिंग रेट है। यह सभी प्रकार के लोन जैसे पर्सनल लोन, होम लोन और कार लोन आदि के लिए बेंचमार्क के रूप में कार्य करती है।

सामान्य भाषा में कहें तो यह वह होती है, जिनके नीचे बैंक लोन जारी नहीं करते हैं। उदाहरण के लिए अगर किसी बैंक में एमसीएलआर की दर 8.50 प्रतिशत है तो बैंक 8.50 प्रतिशत से कम ब्याज दर पर होम लोन, पर्सनल लोन या फिर कार लोन जारी नहीं करेंगे। 

एसबीआई का कारोबार
भारतीय स्टेट बैंक देश का सबसे बड़ा बैंक है। बैंक की ओर से करीब 30 लाख से ज्यादा भारतीय परिवारों को होम लोन दिया गया है। बैंक का होम लोन पोर्टफोलियो 6.53 लाख करोड़ रुपये से भी ज्यादा का है।

मिंट की रिपोर्ट के मुताबिक एसबीआई का होम लोन में मार्केट शेयर 33.4 प्रतिशत और कार लोन में 19.5 प्रतिशत है। एसबीआई की देशभर में 22,405 से ज्यादा ब्रांच हैं। बैक को पास 65,627 एटीएम का बड़ा नेटवर्क भी है। 

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