Meri Kahania

Subsidy: सरकार इस तकनीक से सिंचाई करने पर देगी 90% सब्सिडी, ऐसे करें आवेदन

इसलिए किसान जरूरत के हिसाब से ट्यूबवेल के माध्यम से सिंचाई करते हैं. इससे ग्राउंड वाटर लेवल बहुत ही तेजी के साथ नीचे जा रहा है. साथ ही पानी की बर्बादी भी बहुत अधिक हो रही है.

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इस तकनीक से सिंचाई करने पर सरकार देगी 90% सब्सिडी, यहां करें आवेदन

Meri Kahani, New Delhi बिहार एक एग्रीकल्चर डोमिनेटेड प्रदेश है. यहां पर 85 फीसदी से अधिक आबादी की आजीविका एग्रीकल्चर पर ही निर्भर है. यहां पर किसान धान, गेहूं, चना और सरसों के साथ- साथ बड़े पैमाने पर बागवानी फसलों की भी खेती करते हैं.

लेकिन, सबसे अधिक रकबे में धान, गेहूं और सब्जियों की खेती की जाती है. इन तीनों फसलों की खेती में सिंचाई की अधिक जरूरत होती है.

इसलिए किसान जरूरत के हिसाब से ट्यूबवेल के माध्यम से सिंचाई करते हैं. इससे ग्राउंड वाटर लेवल बहुत ही तेजी के साथ नीचे जा रहा है. साथ ही पानी की बर्बादी भी बहुत अधिक हो रही है.

लेकिन अब सरकार ने पानी की बर्बाद को रोकन के लिए बहुत ही शानदार उपाय निकाला है. इससे फसलों की उपज भी बढ़ेगी और किसानों के खेती पर होने वाले खर्च भी कम हो जाएंगे.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत किसानों को बंपर सब्सिडी देने का प्लान बनाया है. खास बात यह है कि राज्य सरकार प्रदेश में पानी की बर्बादी को रोकने के लिए ड्रिप सिंचाई तकनीक और स्प्रिंकलर सिंचाई तकनीक को बढ़ावा देना चाह रही है.

सरकार का मानना है कि इस तकनीक से सिंचाई करने पर फसलों की जड़ों को प्रयाप्त मात्रा में पानी मिल सकेगा और ग्राउंड वाटर लेवल का दोहन भी कम होगा.

किसानों को 90 प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी

अगर किसान भाई ड्रिप सिंचाई तकनीक और स्प्रिंकलर सिंचाई तकनी का लाभ उठाना चाहते हैं, तो बिहार उद्यान निदेशालय की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आवेदन कर सकते हैं. प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत किसानों को 90 प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी.

ड्रिप सिंचाई से 60 से 70 % तक पानी की बचत भी होती है

टपक सिंचाई विधि को ही ड्रिप सिंचाई कहते हैं. इस तकनीक से सिंचाई करने पर पौधों की जड़ों तक पानी बूंद- बूद कर जाता है. इससे फसलों को प्रयाप्त मात्रा में पानी मिलता है, जिससे उपज बढ़ जाती है.

साथ ही पानी की बर्बादी भी नहीं होती है. कहा जाता है कि ड्रिप विधि से फसलों की सिंचाई करने पर किसानों को 20 से 30 प्रतिशत ज्यादा मुनाफा होता है. वहीं, 60 से 70 फीसदी तक पानी की बचत भी होती है. खास बात यह है कि ड्रिप सिंचाई में पतली पाइप से पानी की सप्लाई की जाती है.

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