Delhi में पटाखों की बिक्री पर सुप्रीम कोर्ट ने दिया ये निर्देश, जानिए

Meri Kahani, New Delhi: दिल्ली में प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए पटाखों पर बैन लगाने से संबंधित एक याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है।
इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने दिल्ली पुलिस से कहा कि वो राष्ट्रीय राजधानी में पटाखों की बिक्री के लिए अस्थायी लाइसेंस ना दे। जस्टिस एएस बोपन्ना और एमएम सुंदरेश की पीठ ने कहा, 'हमे देखना होगा कि कई बरसों में किस स्तर पर काम हुआ है और क्या अतिरिक्त निर्देश जारी करने की भी जरुरत है। हमने देखा है कि समय-समय पर अदालत द्वारा जारी की गये ज्यादातर निर्देशों का ख्याल रखा गया है।'
अदालत की बेंच ने केंद्र की तरफ से वहां मौजूद एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्य भाटी से कहा कि, 'जहां कही भी सरकार की तऱफ से पटाखों पर प्रतिबंध लगाया गया है तो उसका मतलब है कि पूर्व प्रतिबंध।
सुनिश्चित किया जाए कि दिल्ली पुलिस की तऱफ से किसी को अस्थायी लाइसेंस ना दिया जाए। ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि साल 2018 से ही शीर्ष अदालत के आदेश के मुताबिक पारंपरिक पटाखों पर दिल्ली-एनसीआर में बैन है, काफी काम किया गया है और सिर्फ ग्रीन पटाखे फोड़ने की ही अनुमति है।
भाटी ने कहा कि साल 2016 से ही पटाखों की बिक्री के लिए कोई स्थायी लाइसेंस नहीं दिया गया है। इसके अलावा जो अस्थायी लाइसेंस जारी किया गया ता वो ग्रीन पटाखों के लिए था।
जब सरकार पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध लगा देती है तब यह लाइसेंस भी सस्पेंड हो जाते हैं। सीनियर एडवोकेट गोपाल शंकरनारायण, नाबालिगों के एक ग्रुप का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं जिन्होंने साल 2015 में मुख्य याचिका दायर की थी।
इस याचिका में पटाखों पर बैन लगाने की मांग की है। याचिका में कहा गया है कि वो पूर्ण बैन के लिए नहीं लेकिन उन पटाखों पर प्रतिबंध की मांग कर रहे हैं जिनमें बेरियम होता है। यह काफी खतरनाक होता है।
इससे पहले दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का हवाला देते हुए दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने शहर में पटाखों की बिक्री, संचयन, निर्माण और उन्हें फोड़ने पर पाबंदी लगाने का ऐलान भी अभी कुछ ही दिनों पहले किया था।