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Unmarried Couple Rights: क्या बिना शादीशुदा कपल को होटल से गिरफ्तार कर सकती है पुलिस? जानें क्या है कानून

ये खबर आपके लिए बहुत जरुरी है क्योकि आप भी कभी अपनी गर्लफ्रेंड के साथ किसी होटल में जाते हो और आप वहां ठहरते हैं तो आपको बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। आइए जानते है पुरी खबर- 
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क्या बिना शादीशुदा कपल को होटल से गिरफ्तार कर सकती है पुलिस? जानें क्या है कानून

Meri Kahani, New Delhi: कई बार होटल में रेड पड़ने की खबर आती है। पता चलता है कि पुलिस ने अनमैरिड कपल को पकड़ लिया। सवाल उठता है कि क्या किसी अविवाहित कपल का होटल में ठहरना गैरकानूनी है? 

क्या अविवाहित कपल का किसी होटल रूम में शारीरिक संबंध बनाना कानून का उल्लंघन है? क्या ऐसी किसी स्थिति में पुलिस कपल को गिरफ्तार कर सकती है? क्या जुर्माना लिया जा सकता है? यहां हम इन्हीं सवालों के जवाब जानेंगे।

होटल में ठहरना गैरकानूनी नहीं
भारत में अविवाहित जोड़ों का होटल में ठहरना गैरकानूनी नहीं है। देश में कोई ऐसा कानून नहीं है, जो अनमैरिड कपल को होटल में ठहरने से रोकता हो। 

अनमैरिड कपल, जिस तरह लिव-इन-रिलेशनशिप में रह सकते हैं, उसी तरह होटल में भी रह सकते हैं। कमरे के भीतर कपल सहमति से क्या करते हैं, यह उनका निजी मामला है। 

इसमें कानून कोई हस्तक्षेप नहीं करता है। हां, ऐसा जरूर है कि कुछ होटल अनमैरिड कपल को कमरे देते हैं और कुछ नहीं देते हैं। यह होटल मालिकों के निजी विचार का मामला है। 

कोई व्यक्ति किसके साथ रह रहा है, यह राइट टू च्वाइस और कहां रह रहा है, यह राइट टू मूवमेंट के अंतर्गत आता है। यह राइट टू लाइफ और लिबर्टी का भी पार्ट है।

मद्रास हाईकोर्ट की टिप्पणी
कोयम्बटूर जिला प्रशासन ने एक अपार्टमेंट को इसलिए सील कर दिया था क्योंकि उसमें एक अनमैरिड कपल रह रहे थे। दिसंबर 2019 में मद्रास हाईकोर्ट के जज ने कोयम्बटूर जिला प्रशासन को फटकार लगाते हुए पूछा था, “जब दो वयस्कों के बीच लिव-इन रिलेशनशिप को अपराध नहीं माना जाता है, तो एक अविवाहित जोड़े द्वारा होटल के कमरे में रहना अपराध कैसे माना जा सकता है?”

इस बात का सबूत होना जरूरी
होटल में ठहरने वाले कपल की उम्र 18 साल से कम नहीं होनी चाहिए। साथ में कोई वैलिड सरकारी आइडेंटिटी प्रूफ जैसे- आधार कार्ड, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, आदि होना आवश्यक है। 

अगर पुलिस पकड़े तो कपल को यह बताना होता है कि दोनों ने सहमति से कमरा बुक किया है। वैलिड आइडेंटिटी प्रूफ दी है और होटल ने हमें अलाउ किया है। इसके बाद न तो पुलिस गिरफ्तार कर सकती है और न ही फाइन लगा सकती है।

पार्क में बैठने पर कपल को गिरफ्तार कर सकती है पुलिस?
2011 में गाजियाबाद पुलिस ने सार्वजनिक स्थानों पर युवा लड़के और लड़कियों को पकड़ने के लिए “ऑपरेशन मजनू” शुरू किया था। पुलिस अधिकारियों ने उनसे उठक-बैठक कराई और ‘सजा’ का वीडियो बना लिया। 

ऑपरेशन जाहिर तौर पर उत्पीड़न से महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए था। लेकिन इसकी चपेट में वो कपल भी आए, जो सहमति से एक दूसरे साथ समय बिता रहे थे।

देश के प्रत्येक नागरिक को संविधान द्वारा प्रदान किए गए मूल अधिकारों की समझ की कमी के कारण अक्सर युवाओं को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। 

संविधान या कोई क़ानून सार्वजनिक स्थान पर दो लोगों के बैठने को प्रतिबंधित नहीं करता है। उल्टा कानून लोगों को सुरक्षा देते है। अनुच्छेद 21 जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार देता है। इस अनुच्छेद को संविधान की आत्मा माना जाता है।

हालांकि भारतीय दंड संहिता धारा 294 के तहत अश्लीलता का उल्लेख है। कानून सार्वजनिक स्थानों पर “अश्लील कार्य” में लिप्त किसी भी व्यक्ति को तीन महीने के लिए जेल की सजा हो सकती है। 

लेकिन “अश्लील कृत्यों” की परिभाषा की कमी प्रेमी जोड़ों के उत्पीड़न का कारण बनता है।

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