यूपी के बिजली उपभोक्ताओं को मिला बड़ा झटका, इतना बढ़ जाएगा बिजली बिल!

Meri Kahania, New Delhi: दोनों संगठनों ने कहा है कि महंगा कोयला आयात करने से राज्य में बिजली दर 70 पैसे से बढ़कर 1.10 रुपये प्रति यूनिट हो जाएगी, जिसका सीधा असर उपभोक्ताओं पर पड़ेगा.
पिछले वर्ष की तुलना में उत्पादन बढ़ा है
ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन के अध्यक्ष शैलेन्द्र दुबे ने कहा कि कोयला मंत्रालय के मुताबिक पिछले साल की तुलना में कोयला उत्पादन बढ़ा है. चालू वित्तीय वर्ष में 21 अक्टूबर तक 71.35 मिलियन टन कोयले का उत्पादन हो चुका है, जो पिछले साल की समान अवधि के 60.44 मिलियन टन से (10.91 मिलियन टन अधिक) है.
ऐसे में केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय को कोयला आयात जारी रखने के अपने निर्देश वापस लेने चाहिए. फेडरेशन ने यह भी कहा है कि अगर ऊर्जा मंत्रालय कोयला आयात करने का आदेश वापस नहीं लेता है तो आयातित कोयले की अतिरिक्त लागत मंत्रालय खुद वहन करे.
प्रति यूनिट 1.10 रुपये की बढ़ोतरी होगी
उन्होंने कहा कि आयातित कोयला भारतीय कोयले की तुलना में सात से 10 गुना अधिक महंगा है। ऐसे में छह फीसदी आयातित कोयले के इस्तेमाल से बिजली उत्पादन की लागत 70 पैसे से 1.10 रुपये प्रति यूनिट तक बढ़ जायेगी.
स्वाभाविक है कि बिजली की इस बढ़ी हुई कीमत का भुगतान आम उपभोक्ताओं को ही करना पड़ेगा।
अवधेश वर्मा ने कहा कि फिलहाल उत्तर प्रदेश में किसी भी उत्पादन इकाई में कोयले की कमी नहीं है. उन्होंने कहा कि पहले भी विदेशी कोयले की लड़ाई उपभोक्ता परिषद ने जीती थी और उत्तर प्रदेश में विदेशी कोयला नहीं खरीदा जाता था।
इस बार भी जरूरत पड़ी तो पिछले साल की तरह उपभोक्ता परिषद याचिका दायर करेगी, क्योंकि इससे सबसे ज्यादा फायदा देश के एक बड़े निजी घराने को होगा.